शहर के झालरा रोड स्थित श्री टैगोर महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में प्रथम दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में हार्टफुलनेस जयपुर इकाई से रिटायर्ड जिला एवं सेशन न्यायाधीश पूरणमल बेंदा एवं राजस्थान कैनाल के चीफ इंजीनियर ओमप्रकाश स्वामी थे।
उन्होंने मेडिटेशन से शारीरिक लाभ • एवं प्राणमय कोष, अनमय कोष, मनमय कोष के बदलाव के साथ आरोग्य का मूलमंत्र बताते हुए आरोग्य ऊर्जा का शारीरिक परिसंचरण क्रम के साथ मेडिटेशन करवाकर ह्यूमन हार्ट एवं तनाव से संबंधित शरीर में होने वाले दर्द तथा मांसपेशियों के साथ जोड़ों के दर्द सम्बन्धी प्रतिरक्षा तंत्र की जानकारी विद्यार्थियों को दी। इस दौरान संस्था निदेशक सीताराम चौधरी ने बताया कि ध्यान व योग से जीवन आयी नीरसता को सरसता में ध्यान से सत्यतापूर्वक वैयक्तिक परिवर्तन के साथ बदला जा सकता है। संस्था सचिव राजेश चैधरी ने बताया कि सही मायनों में सेवा योजना शिविर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण और पोषण कार्यक्रम को समझने के साथ समाज से जुड़ने में महति भूमिका अदा करता है। शिविर में प्राप्त अनुभवों को विस्तार पूर्वक विद्यार्थियों के समक्ष साझा किया। बजरंगलाल बाजिया ने बताया कि हार्टफुलनेश ध्यान का आसान और सूक्ष्म अभ्यास है, जिससे जीवन के आनंदमय अस्तित्व को आंतरिक कुण्डलियों के केन्द्रण पर ध्यान केन्द्रित कर जागृत किया जाता है। डॉ. बाबुलाल बनकर ने बताया कि हार्टफुलनेश प्रशिक्षण शिविर के दौरान महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने बर्नआउट में कमी तथा शारीरिक तनाव के साथ डिप्रेशन को कम करने के उपास सीखे। दूसरे दिन प्रातः मेडिटेशन के पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के प्रभारी भोमाराम चैधरी ने स्वयंसेवकों के साथ महाविद्यालय परिसर के साथ आस- पास क्षेत्र का अवलोकन करवाते हुए श्रमदान किया तथा स्वास्थ्य, चिकित्सा षिक्षा सम्बंन्धी जानकारी से स्वयंसेवकों को रूबरू करवाया। तृतीय दिवस के दौरान महाविद्यालय के स्वयंसेवकों एवं विद्यार्थियों ने मेडीटेशन किया। तत्पश्चात प्राचार्य डॉ. शैलेन्द्र पाटनी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और शिविर संबंधी जानकारी देकर सामाजिक मुद्दों पर विद्यार्थियों के साथ मंथन किया। शिविर में उपस्थित छात्र- छात्राओं एवं शिक्षकों ने मेडीटेशन पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस दौरान महाविद्यालय प्राध्यापकगण एवं गणमान्य